मुख्यमंत्री को धोखे में रखकर होशंगाबाद जिले को ओडीएफ घोषित कराकर जिला पंचायत सीईओ सम्मान कराने में सफल

इटारसी। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को धोखे में रखकर जिला पंचायत के सीईओ पीसी शर्मा ने होशंगाबाद जिले को ओडीएफ घोषित कराया है जबकि आज स्थिति उसके विपरीत है। जिले के किसी भी ब्लॉक में जाकर आज देखा जा सकता है कि क्या कागजों में शौचालय निर्माण जितने ग्रामीणों के घर में बताया गया है
उतने मौके पर है। एक ही शौचालय के कई तरह के फोटो अपलोड कर शासन प्रशासन को गुमराह किया गया है। ओडीएफ के लिए होशंगाबाद जिले की 424 ग्राम पंचायतों में 883 गांव शामिल है। पंचायतों में 57885 शौचालय का निर्माण कराया जाना बताया गया है जबकि स्थिति इसके विपरीत है।
आखिर इतनी जल्दबाजी क्यों थी? जब शौचालय निर्माण का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है तो सीएम को गुमराह कर जिले को ओडीएफ घोषित कराकर जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी पीसी शर्मा ने स्वयं को सम्मानित तक करा लिया। उन्होंने कभी यह सोचने का प्रयास नहीं किया कि यदि वास्तविक स्थिति मुख्यमंत्री के सामने लाई गई तो उनका क्या होगा?
होशंगाबाद जिले के जनपद पंचायत बनखेड़ी, जनपद पंचायत पिपरिया, सोहागपुर, जनपद पंचायत होशंगाबाद, जनपद पंचायत केसला एवं जनपद पंचायत सिवनीमालवा में कहीं भी शौचालय निर्माण का कार्य पूर्ण नहीं हुआ है। इस बात के प्रमाण हमारे पास सुरक्षित है। ग्राम पंचायतों के सरपंचों द्वारा स्वयं लिखकर दिया गया है कि एक ही शौचालय के तीन-तीन फोटो खींचकर शौचालय निर्माण को पूर्ण होना दर्शाया गया है। इस संबंध में जब जनपद पंचायत बनखेड़ी के कर्मचारी राजेश ग्यारसे ने मौके पर जांचकर अपनी रिपोर्ट कार्यवाही के लिए सौंपी तो संबंधित सरपंच के विरुद्ध कार्यवाही किये जाने की अपेक्षा राजेश ग्यारसे का बनखेड़ी से पिपरिया स्थानांतरण कर दिया गया जबकि विधायक ठाकुरदास नागवंशी, जिला भाजपा अध्यक्ष हरिशंकर जायसवाल ने जिला पंचायत के सीईओ पीसी शर्मा को राजेश ग्यारसे का स्थानांतरण रद्द करने के लिए लिखा था चूंकि उक्त कर्मचारी ने सरपंच के विरुद्ध ओडीएफ में गलत जानकारी की जांच की थी और लगभग ढाई लाख रुपए की राशि सरपंच पर निकल रही थी जिसका कार्य उसने नहीं कराया है।

 यही स्थिति सिवनीमालवा जनपद पंचायत की अनेक ग्रामपंचायतों में देखी जा सकती है। उदाहरण के तौर पर ग्रामपंचायत समरधा में जाकर कभी भी स्वयं जिला पंचायत के सीईओ पीसी शर्मा देख सकते है कि यहां एक-एक शौचालय के कई फोटो खिंचवाकर शौचालय के निर्माण कार्य को पूर्ण बताया गया है।
इस प्रकार होशंगाबाद जिले में 57885 शौचालय का निर्माण पूर्ण होना बताया गया है। यह आंकड़े झूठे है शौचालय निर्माण करने वालों ने कागजों में निर्माण बता दिया जबकि वास्तविक स्थिति इसके विपरीत है। स्वयं जिला पंचायत सीईओ ने दौरा कर वास्तविक स्थिति को आज तक नहीं देखा है।