करवा चौथ

- प्रज्ञा जायसवाल,सोहागपुर मोबा-8982390933,

चांद वो खड़ा इठला रहा है,
खेल वो लुकाछिपी,
इतरा रहा है,
संग सजनी के साजन,
हाथ पूजा की थाल लिये।
हाथों में सजा मेहन्दी,
महावर भरे पाव लिये,
       
चतुर्थी का दिन,
करवाचौथ का व्रत किये।
खड़ी वो निहारे छत पर,
चांद का दीदार किये,
नटखट चांद निहारे छुपके,
सजनी को आज सताने के लिये।
चांद अपनी मस्ती में मस्त,
निकले फिर अंगड़ाई लिये,
देख खुशी में मुस्काई सजनी,
स्वागत करें पुष्प माल लिये।
निहारे कर पूजा चांद की,
मांगे वो लम्बी उम्र का सुहाग लिये,
खोले फिर व्रत सजनी का साजन,
करा हाथों जलपान लिये।
चांद हुये हर्षित मन ही मन,
देख स्नेह फिर वरदान दिये, 
लम्बी उम्र सदा रहे
‘‘सुहागन’’