होशंगाबाद। सिवनीमालवा थाने के अंतर्गत ग्राम पीपलकोटा में लगभग डेढ़ वर्ष पूर्व एक महिला की उसी के घर में निर्दयता से हत्या कर दी गई थी। पुलिस ने धारा 147,148,149,302/34 भादवि में एवं धारा 25 आम्र्सएक्ट में प्रकरण दर्ज कर न्यायालय में प्रस्तुत किया था। अभियोजन के अनुसार 8-9 मई 2016 की रात को ग्राम पीपलकोटा में मृतिका अमरावती की हत्या के आरोप में पुलिस ने रामदास अमरलाल, सुनील भागूलाल, अशोक भुनसारे उर्फ मुन्ना, अनिल के विरुद्ध अपराध दर्ज कर प्रकरण न्यायालय में प्रस्तुत किया था। फरियादी सुरेश ग्राम पीपलकोटा ने 8 मई 2016 को अपनी पत्नी अमरावती और पुत्री संतो प्रियंका और प्रिया को घर छोडक़र गांव में किसी कार्यक्रम में शामिल होने गया था जब लौटकर आया तो लडक़ी संतों रो रही थी और पत्नी अमरावती की लाश खटिया पर पड़ी थी जिसकी बेरहमी से हत्या की गई थी। फरियादी ने इस घटना की रिपोर्ट पुलिस में लिखाई थी जिसके आधार पर पुलिस ने प्रकरण में हत्या का अपराध दर्ज कर आरोपियों के विरुद्ध न्यायालय में प्रकरण प्रस्तुत किया था। विद्वान न्यायाधीश प्रथम श्रेणी श्रीमती बरखा दिनकर ने आरोपियों पर दोष सिद्ध पाये जाने पर उन्हें दंडित किया। इस आदेश के विरुद्ध आरोपियों ने सत्र न्यायालय होशंगाबाद में अपील की थी जिसमेंं विद्वान न्यायाधीश एसके पी कुलकर्णी ने साक्ष्य के अभाव में तीन आरोपियों को रिहा कर दिया। प्रकरण की जांच कर रही पुलिस पर लापरवाही बरतने का आरोप है। अभियुक्त रामदास, अशोक उर्फ मुन्ना, अनिल को दोषमुक्त किया गया है। इस प्रकार पुलिस की लापरवाही से हत्या के आरोप आरोपी न्यायालय से बरी हुई।